Online Consultation

Urvara Fertility Centre | IVF Center in Lucknow

[email protected]

+91 809 048 1533

आईवीएफ

IVF treatment for baby

आई बी एफ मतलब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसा शब्द है जैसे बहुत सारे लोगों ने सुना होगा पर बहुत कम लोग इसके असली मायने जानते है ।

आईवीएफ क्या है-

आईवीएफ एक प्रकार का फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है। जो उन व्यक्तियों को लाभ पहुंचाता है जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ है। इस ट्रीटमेंट के इस्तेमाल से बहुत सारे वैवाहिक दांपत्य ने अपने निसंतान होने का कलंक अपने जीवन से हटाया है और संतान का सुख पाया है । आईबीएफ के उपचार में गर्भधारण प्रक्रिया होती है और इस प्रक्रिया में स्त्री के अंडे जिसे एग कहते हैं और पुरुष के शुक्राणु जैसे स्पर्म कहते हैं जिसे एग कहते हैं इन दोनों की जरूरत होती है ।

इन दोनों के मिलन से ही नव शिशु के जन्म निर्माण की प्रक्रिया का आरंभ होता है और इस प्रक्रिया को भ्रूण यानी कि एंब्रियो कहा जाता है। यदि पुरुष के शुक्राणु या स्त्री के अंडे दोनों में से किसी एक में भी किसी प्रकार की परेशानी होती है तो वह इस दांपत्य को बांझपन का शिकार माना जाता है और इसी के साथ इस वैवाहिक जोड़े का गर्भ धारण नहीं हो पाता और ऐसे जोड़े संतान का सुख नहीं प्राप्त कर पाते।

क्या होता है आईवीएस प्रक्रिया में-

आई वी एफ प्रक्रिया में सबसे पहले महिला और पुरुष की जांच की जाती है और उस परिणाम के अनुसार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है -

  • (i). सबसे पहले पुरुष के सिमरन को लैब टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है वहां पर से मन को साफ किया जाता है और इससे मन से अच्छे याने की तकरीर और बेकार यानी कि आज सक्रिय शुक्राणुओं को अलग किया जाता है।
  • (ii). महिला के शरीर में इंजेक्शन की मदद से अंडे को बाहर की तरफ लाने की कोशिश होती है और उन्हें फ्रिज किया जाता है।
  • (iii). इसके बाद लाभ में बैटरी टेस्ट में महिला के अंडे के ऊपर अच्छे याने की सक्रिय शुक्राणु को रखा जाता है ताकि प्राकृतिक रूप से प्रजनन के लिए यह दोनों को छोड़ दिया जाए।
  • (iv). प्रजनन पूरी तरीके से होने में कम से कम 3 दिन लगते हैं तब जाकर भ्रूण तैयार हो जाता है।
  • (v). जब एंब्रियो यानी कि भ्रूण तैयार हो जाता है तब कहती डर जो कि एक लचकदार विशेष नली है उसकी मदद से यह एंब्र्यो यानी कि भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
  • (vi). इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अरुण को कम से कम 5 दिन के लिए निगरानी में रखा जाए और 5 दिन पूरे होने पर भ्रूण में प्रेगनेंसी की सफलता का दर और बढ़ जाता है।
  • यदि आप किसी भी तरह के फर्टिलिटी प्रॉब्लम से ग्रसित है या फिर आपके वैवाहिक जीवन में आप संतान होने का शौक नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं तो आज ही संपर्क करें कोटवारा फर्टिलिटी सेंटर जिसकी प्रमुख एवं प्रसिद्ध डॉक्टर है रिचा सिंह।